Your Life My Rules | Motivational Short Story | Must Read | यूअर लाइफ माइ रुल्स

यूअर लाइफ माइ रुल्स एक Motivational स्टोरी है जो प्रतिलिपि एप्लिकेशन पर पहले ही मैं साझा कर चुका हु। प्रतिलिपि पर पढ़ने के लिए नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक करे।
 
 
क्या करू हा कह के , उसकी गुलाम बन जाऊ । हमेशा से “YOUR LIFE MY RULES”। क्या हमारी कोई जिंदगी नहीं है । मैंने देखा है तुम्हें प्रीति को मारते हुवे । वह तुमसे कितना प्यार करती है यह जानते भी हो । 

 
                            यूअर लाइफ माइ रुल्स | Motivational Short Story | Must Read
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                                                                  Your Life My Rules 2023
Your Life My Rules | Motivational Short Story | Must Read | यूअर लाइफ माइ रुल्स 

                         प्रीति प्रीति ... मैंने तुम्हें कहा था ना , की उस लड़की के साथ नहीं घूमना है तो नहीं घूमना है बस । क्या तुम्हें मेरी बात समझ नहीं आती । समीर प्रीति को उची आवाजों मे चिल्ला रहा था ।


प्रीति डर के मारे काप रही थी , उसको अपनी सफाई मे कुछ कहना था लेकिन समीर के गुस्से के सामने वह कतराती थी ।


समीर और प्रीति दिल्ली की एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट मे साथ मे MBA कर रहे थे । इसके पहले BBA को भी दोनों साथ मे ही थे । BBA के दूसरे वर्ष से दोनों प्यार के बंधन मे जुड़ गए थे ।


क् क क्यू ऐसी क्या बुराई है श्वेता मे जो तुम मुझे उससे दूर रहने के लिए कह रहे हो । प्रीति हलकी सी आवाज मे समीर से बात करने की कोशिश करती है ।


मैंने नहीं कहा था ना , और समीर ने उसके बाए गाल पर एक जोरदार तमाचा मार दिया, प्रीति रोने लगी ।


बेबी , वोह लड़की बदचलन है । मुझे डर है की उसके साथ रह कर कही तुम भी......


समीर , तुम क्या कहना चाहते हो की मै .... और आधी बात कह कर प्रीति फुटफूट कर रोने लगी ।


उस श्वेता का मेरे दोनों दोस्तो के साथ चक्कर चल रहा है, इसलिए मै तुम्हें उससे दूर रहने के लिए कह रहा हु।


क्या तुम्हें मुझपे जरासा भी विश्वास नहीं रहा समीर , मै तुमसे प्यार करती हु , तुम्हें खोना नहीं चाहती तो ये दुसरे बंधन की घटिया बात कहा से आई । प्रीति गुस्से से भड़क उठी और समीर को जवाब देने लगी थी ।


देखा उसी मे रहके तुम्हारी जबान जादा चलने लागी है , इस कारण ही मै उस लड़की के साथ तुम्हें कभी देखना नहीं चाहता । इतना कहते हुवे समीर ने प्रीति को और एक तमाचा मार दिया और वहासे दरवाजा ओढ़ कर प्रीति का मोबाइल फोन लेकर चला गया । वह प्रीति के रूम पर ही थे ।


प्रीति ने उठकर दरवाजा बंद कर दिया और खुदपर ही उसे पछतावा होने लगा । वह अपनी दुख भरी जिंदगी के बारे मेही सोचती रही ।


प्रीति की एक ही सहेली थी श्वेता ,वह एक सरल लड़की थी और खूबसुरत भी थी ।


कई बार समीर के दोस्त अमर ने अपने प्यार का इजहार करने के बाद भी वह नहीं मान रही थी । यह बात अमर ने ही समीर को बताई थी । ईसलिए समीर उसको हमेशा से गालिया ही देता था ।


श्वेता ने यह बात कभी भी प्रीति को नहीं बताई थी की, समीर का अमर नाम का दोस्त उसे परेशान करता है ।


समीर इस बात से परेशान रहता था और वह गुस्सा प्रीति पे ही निकालता था । एक पढ़ा लिखा MBA का विद्यार्थी होने के बावजूद वो अपने प्यार पे कई बार हाथ उठाता था ।


प्रीति को उसके बंधन मे घुटन महसूस होने लगी थी । लेकिन वह समीर से प्यार भी करती थी, समीर के साथ उसने हर दुख और खुशी का पल देखा था । वह अपनी इज्जत भी समीर के कदमो मे दे चुकी थी , उसे कोई दूसरा रास्ता नहीं था ।


ऊनमे कई बार सेक्स हो चुका था , कभी कभी तो समीर जबरजस्ती भी करता था ।

अमर कहा खोया है , समीर अमर की पीठ थपथपाते हुवे बोला ।


अरे कुछ नही यार तेरे लिए भाभी चाहिए है ना, अमर ने भी समीर के सवाल का जवाब झटके मे दिया ।


समीर को श्वेता के बारे मे एक अंधरूनी दुश्मनी सी हो गयी थी, वह उसको लेके बहुत चिढ़ता था ।


रुक उसे आज कॉलेज मे आने दे , आज तो उसको तेरी बनाकर ही रहूँगा । इतना कह कर समीर कैंटीन चला गया ।


कॉलेज मे व्याख्यान शुरू होने को आधा घंटा बचा था । प्रीति भी कैंटीन मे ही बैठी थी ।


प्रीति आज कॉलेज बंक करते है , आज कही बाहर जाने का मन हो रहा है, चलो । समीर प्रीति के पास की कुर्सी पे बैठते हुवे कह रहा था।


अरे नहीं ,बाहर क्यों आज तो असाइन्मंट प्रस्तुत करने है ना , आज नहीं कल जाते है । प्रीति ने उसे मनाना चाहा ।


चलो उठो , समीर ने बड़ी आँख कर के ऊंची आवाज से कहा ।
समीर आसपासके सब लड़के लडकिया मुझे और तुम्हें देख रहे है । तुम मेरा मज़ाक बनाना चाहते हो । प्रीति गुस्से से भड़क उठी पर उसे समीर की बात माननी ही पड़ती थी ।


एक घंटे बाद समीर और प्रीति कॉलेज लौटे और प्रीति ने समीर का हाथ छोड़ क्लासरूम का रास्ता नाप लिया ।समीर को श्वेता और उसके पीछे अमर आता हुवा दिखाई दिया ।श्वेता , मुझे तुमसे कुछ बात करनी है । समीर श्वेता के रास्ते मे आकर कहने लगा ।हा कहो समीर ,प्रीति आई है ना आज कॉलेज मे ? श्वेता ने पूछा । समीर को इस बात से गुस्सा आ गया था पर उसने गुस्सा निगल लिया । क्या कमी है मेरे दोस्त अमर मे, बताओ । क्यो तुमने उसका जीना बर्बाद कर दिया है । क्या तुम उससे प्यार नहीं करती हो , वह रोज तुम्हारे ही पीछे लगा रहता है , क्या तुम्हें दिखाई नहीं देता । समीर श्वेता को अमर के बारे मे बता रहा था और उसके आवाज का सुर उचा नीचा हो रहा था ।क्या , मैंने उसकी जिंदगी बर्बाद की है । या उसने मेरी की है । हमेशा उल्लू की तरह पीछे रहता है , क्यो उसे समझता नहीं है अगर एक लड़की उसे भाव नहीं दे रही है तो दुसर लड़की को ताके । श्वेता गुस्सा हो गयी थी ।यह सब दृश्य प्रीति क्लासरूम के बाहर से देख रही थी ।साधारण सी बात है , अगर मुझे उससे प्यार नहीं है तो उसको मै कैसे कबूल कर लू । क्या लड़की को कोई हक नहीं है , किसे पाना है या किसे चाहना है । श्वेता की बात अभी तक चल रही थी । क्या करू हा कह के , उसकी गुलाम बन जाऊ । हमेशा से “YOUR LIFE MY RULES”। क्या हमारी कोई जिंदगी नहीं है । मैंने देखा है तुम्हें प्रीति को मारते हुवे । वह तुमसे कितना प्यार करती है यह जानते भी हो । तुम क्या जानोगे तुम तो बस अपनी मनमानी और अपना हुकुम जताना जानते हो । श्वेता ऐसे बोल रही थी जैसे की आज समीर को डाटने के लिए ही वह आज कॉलेज मे आई हो । 


समीर ने शर्मा के नजरे झूका ली थी । 


अमर भी श्वेता के पीछे ही खड़ा सब कुछ सुन रहा था । 
वाह समीर , मुझे तो पता ही था की मेरी सहेली बुरी नहीं है । लेकिन आज पता चला की तुम उसे बुराभला क्यों कहते हो , क्योंकि वह तुम्हारे दोस्त की बात मान नहीं रही है , क्यो ? प्रीति समीर को डांटने लगी । 
वो अभी अभी क्या कहा था श्वेता तुमने YOUR LIFE….. 


MY RULES, श्वेता ने प्रीति की बात आधी होने से पहले ही जवाब दिया । 
हा यही है ना तुम्हारी जिंदगी प्रीति । दिलोजान से समीर से प्यार करती हो लेकिन सच बोलने से कतराती हो । मेरे पास सब सच कहकर रोती हो । क्या है , तुम्हारी जिंदगी है और समीर के कानून । 


जो वह बताएगा उसी लड़की से बोलना है , किसी लड़के के साथ बात नहीं करनी है । जब वह कहेगा तब उसे अपना फोन दिखाना है । कहा गयी थी , क्या कर रही थी , किससे मिली ,सब बताना है । कही बाहर गयी तो मैसेज करना है । 


क्यो , क्यो है ये RULES । तुम तो आझाद होने के बाद भी अस्वतंत्रता मे जी रही हो । तुम्हारे प्यार का उसे कोई अंदाजा नहीं है , तो छोड़ दो ऐसे प्यार को । कितने दिनो तक ये दर्द सहती रहोगी , और कब तक मुझे ये अपना फालतू खुदखुशी की योजना के बारे मे बताती रहोगी । उससे अच्छा है की मर ही जाओ । 


श्वेता का अपने गुस्से पे काबू नहीं था । 
समीर चुपचाप सब सुन रहा था और उसके शर्मिंदगी से ही आँसू निकल पड़े ,उसको अपने किए पे खूब पछतावा हो रहा था । श्वेता की और प्रीति की कड़वी बाते उसके कानो मे घूम रही थी । 


समीर तुम एक अछे लड़के हो , क्यो तुम ऐसी हरकते करते हो । क्यो अपने ही प्यार को दर्द देते हो । क्या तुम मे जरासी भी पहले वाली बात नहीं रही जब तुम प्यार मे नए थे । श्वेता फिर से समीर को उसकी गलतिया बताने लगी । 


समीर, मैंने जब श्वेता को मेरे तरफ देखते हुवे देखा था तब ही मुझे उससे प्यार हो गया था, अमर श्वेता के पीछे से आगे आते हुवे समीर से कहने लगा । 
मैंने पहली बार इजहार करने के बाद श्वेता ने मुझे तुम्हारे और प्रीति के बारे मे चल रहे लड़ाई और कानूनों के बारे मे बताया । और सिर्फ तुम्हारी हरकतों की वजह से ठुकराया भी था । मैंने उससे सच्चा प्यार किया है , मैंने भी उसे अपनी कई बाते बताई जिससे वो पिघल गयी और मान गयी। मैंने कभी भी उसे तंग नहीं किया , हमेशा उसको उसके मन के तरह जीने दिया । तुम्हारे और प्रीति के रिश्ते के बारे मे सुनकर हम दोनों ने प्लान बनाया । हमे पता है की तुम अच्छे लड़के हो । अमर की बातो से समीर और भी शर्मिंदा हो गया था । 


समीर ऐसेही “YOUR LIFE MY RULES” रिश्तो की वजह से कई लड़कियो की जिंदगी बर्बाद हुवी है , या तो लड़कियो खुदखुशी का रास्ता अपना लिया है , क्योंकि उन्होने सब कुछ अपने प्यार के नाम कर दिया होता है । क्या तुम भी उनही दरिंदों मे से एक हो । श्वेता अब प्यार से समीर के कंधो पर अपना हाथ रख कर समझाने लगी थी । 
समीर और ज़ोर से रो पड़ा और प्रीति की माफी मांगने लगा । 


प्रीति मै तुम्हारी माफी मांगने के भी काबिल नहीं हु । इतना कहकर समीर वह से भाग गया । 


अमर जोरों से उसको आवाज दे रहा था परंतु समीर बहुत दूर निकल चुका था ।
 

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©स्वप्निल जगताप 

2 Comments

  1. यह कहानी हमारे समाज की एक सच्चाई को बहुत मजबूती से बयां करती है। प्यार में भरोसे की कमी और नियंत्रण की भावना रिश्तों को तोड़ देती है, लेकिन सही दोस्त और समझदारी से हर मुश्किल को बदला जा सकता है। समीर की कहानी हमें सिखाती है कि प्यार में आत्मसम्मान और विश्वास कितना जरूरी है। बहुत प्रभावशाली और सोचने पर मजबूर कर देने वाली कहानी!

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